याद है क्या तुम्हें
तुम्हारी वो नीली साड़ी,उस पर तुम्हारी मुस्कानसमझ नहीं आता केपहले तारीफ़ किसकी करूं…

उस साड़ी में तुम लग रहीं थीएक नील पत्थरवही नील पत्थर,जो अब तुम से ज्यादामेरे सपनों में आता है…वही नील पत्थर जो केवलमेरे सपनों की दुनिया तक सीमित है,आँखें खुलने पर सपनों की तरहजो पल में ओझल हो जाता है…

जिसकी चमक आंखे खुलने नहीं देतीऔर ख़ूबसूरती आँखें फेरने नहीं देतीजब नीली साड़ी में देखता हूँ तुम्हेवही नायाब नील पत्थर याद आता है..
With love ❤️ from hubby
Very nicely written.. thanks for sharing
Beautiful pictures with heart touching lines
Lovely shayad 😊
Awesome lines